दिव्यता की तेजोमय किरण - द्युमान


अनुवादिका का निवेदन

'आपणा द्युमान' पढ़कर प्रेरणा हुई कि श्रद्धेय द्युमान को जीवन वृत्तान्त का परिचय व्यापक पाठकवर्ग को मिलना चाहिए। श्रद्धेय द्युमान का समर्पण कर्मठता, अध्ययन, मितव्ययता, परिश्रम, आजीवन सतत् कार्यशीलता और निरासक्ति वंदनीय है। एक बालक सा हृदय और विश्वास, श्रद्धा और निश्चितता होना भी साधना ही है। निर्भयता उनके सम्पूर्ण-समर्पण का लक्षण था। ऐसे असाधारण व्यक्तित्व को हम जाने, समझे और अनुकरण का प्रयास करें, यही इस अनुवाद का ध्येय है।

महायोगी श्री अरविंद, श्री माताजी के चरणों में यह श्रद्धा सुमन अर्पित है, एवं 'द्युमान' की तेजीस्विता को नमन है।

अमिता भट्ट ''क्षमा''

 

'Leave all worries to her and plunge in your work unmindful of happening beyond your control.'

Amal Kiran. 

 

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